माले : मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का शपथ ग्रहण हो चुका है। दूसरे देशों के साथ रिश्तों को लेकर, मुइज्जू की नीति क्या होगी, इस पर सबकी नजरें हैं। ताजा घटनाक्रम में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विशेष दूत शेन यिकिन ने मुइज्जू से मुलाकात की। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विशेष दूत शेन यिकिन ने शनिवार को उनसे मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रपति जिनपिंग की तरफ से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए, बीजिंग की तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
चीन नई परिस्थितियों में मालदीव के साथ काम करने को तैयार
दोनों की बैठक के दौरान, स्टेट काउंसलर शेन ने कहा कि, चीन मालदीव के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है। उन्होंने कहा कि, उच्च स्तरीय राजनीतिक मार्गदर्शन को मजबूत करने, उनकी विकास की रणनीतियों के तालमेल को गहरा करने में चीन कोई कसर बाकी नहीं रखेगा। रिपोर्ट के मुताबिक यिकिन ने कहा कि, तालमेल का विस्तार करने के लिए, चीन नई परिस्थितियों में मालदीव के साथ काम करने को तैयार है। विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और आदान-प्रदान पर भी सहमति जताई।
मालदीव के बाद श्रीलंका भी जाएंगी विशेष दूत
विशेष दूत यिकिन ने कहा कि, चीन उच्च गुणवत्ता वाले बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) सहयोग को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच भविष्योन्मुखी, सर्वांगीण मैत्रीपूर्ण और सहकारी साझेदारी में नई प्रगति पर जोर देने के लिए भी तैयार है। मुइज्जू ने कहा कि, मालदीव की नई सरकार दृढ़ता से एक-चीन नीति का समर्थन करती है और BRI के संयुक्त निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में चीन के साथ, व्यावहारिक सहयोग को सक्रिय रूप से मजबूत करना चाहती है। यह भी दिलचस्प है कि, चीनी विदेश मंत्रालय ने बताया है कि मालदीव यात्रा के बाद, जिनपिंग के विशेष दूत शेन श्रीलंकाई सरकार के निमंत्रण पर 18 से 21 नवंबर तक श्रीलंका का दौरा भी करेंगी।
BRI क्षेत्रीय एकीकरण में सुधार
BRI क्षेत्रीय एकीकरण में सुधार, व्यापार बढ़ाने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बनाई गई परियोजना है। इसके तहत, भूमि और समुद्री नेटवर्क के माध्यम से चीन को बाकी दुनिया से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। नए व्यापार मार्गों को विकसित करने के लिए, 2013 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह महत्वाकांक्षी योजना शुरू की थी। मुइज्जू ने मालदीव-चीन संबंधों में, एक नया अध्याय शुरू करने के लिए चीन के साथ मिलकर, काम करने की उम्मीद जताई।
बीजिंग की उम्मीदें परवान चढ़ने लगी
मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के करीबी सहयोगी रहे मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद, बीजिंग की उम्मीदें परवान चढ़ने लगी हैं। चीन को भरोसा है कि, भारत के दक्षिणी तट के करीब हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित मालदीव बीजिंग समर्थक नीतियों को आगे बढ़ाएगा। मुइज्जू से पहले राष्ट्रपति रहे मोहम्मद इब्राहिम सोलिह ने भारत प्रथम नीति का पालन किया और अपने कार्यकाल में नई दिल्ली के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित किए।
मालदीव में कई चीनी निवेशों की घोषणा
राष्ट्रपति बनने पर मुइज्जू को बधाई देते हुए, अपने संदेश में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि, चीन और मालदीव मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान के एक लंबे इतिहास का आनंद लेते हैं। 2014 में, मालदीव का दौरा करने वाले जिनपिंग ने BRI के तहत मालदीव में कई चीनी निवेशों की घोषणा की थी। इसके बाद, देश के विपक्षी दलों ने “ऋण जाल” का आरोप लगाकर इसकी आलोचना की थी। मालदीव के विपक्षी दलों का कहना है कि, दोनों देश न केवल ईमानदार विश्वास और पारस्परिक सहायता के मित्र हैं, बल्कि संयुक्त विकास और सामान्य समृद्धि के भागीदार भी हैं।