अमेरिका (वाशिंगटन). जॉर्डन में ईरान समर्थित आतंकवादियों के द्वारा किए गए हमले में अमेरिका के तीन जवान मारे गए और कई घायल हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन ने एक बयान जारी कर यह बताया कि 34 जवानों की घायल होने की सूचना है। राष्ट्रपति ने ईरान समर्थित लड़ाकू के हमले की बात बताया है किसी लेकिन किसी विशेष समूह का अभी नाम लेकर खुलासा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हम जानकारी जुटा रहे हैं तब तक हम नहीं बता सकते हैं कि किसका हाथ है।
अपने तरीके से जवाबदेह ठहराएंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान समर्थित समूह को जिम्मेदार ठहराया। बताया कि सीरिया और इराक में सक्रिय ईरान समर्थित आतंकवादी समूह का इसमें अंजाम हो सकता है। व्हाइट हाउस बयान के अनुसार, उन्होंने बताया कि हम आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता को बढ़ाएंगे। किए गए इस हमले में हम अपने तरीके से जवाबदेह लोगों को ठहराएंगे।
लगभग 34 सैनिकों को आयीं चोटें
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, सीधे की सीमा के पास उत्तर पूर्वी जार्डन में स्थित अमेरिकी बेस में बैरक के पास मानवरहित ड्रोन के जरिए से विस्फोट का हमला किया गया। लगभग 34 सैनिकों को चोटें आ गयीं हैं कुछ घायल हो गए है, जिनको अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
अमेरिकी बलों पर हमले नहीं बर्दाश्त
रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने जॉर्डन में हुए ड्रोन हमले पर विरोध जताया और कहा कि हमें अपने सैनको की मौत पर दुख है। हम इस तरह के अमेरिकी बलों पर हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे, इसका ईरान समर्थित आतंकवादी समूह जिम्मेदार है, हम उसको जवाब जरूर देंगे। हम अपने अमेरिकी सैनिकों और अपने हितों की रक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई भी करेंगे।
जॉर्डन में अमेरिकी सैनिकों पर पहली घटना
जॉर्डन में,अमेरिकी सैनिकों के अड्डे पर हमले किया पहली घटना है। युद्धग्रस्त होने के कारण यहां तनाव और बढ़ाने की आशंका है। जॉर्डन की जो सीमा है वह इराक, इसराइल, फिलिस्तीन, सऊदी अरब और सीरिया के साथ मिलती-जुलती है। जॉर्डन में अमेरिकी सैनिकों पर किए गए हमले रविवार के दिन हुए हैं। जार्डन में 3000 अमेरिकी सैनिक हैं।