लखनऊ। लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को पूरा हो चुका है। इसमें अब इस बार सबसे बड़ी समस्या राष्ट्रीय पार्टी भाजपा के लिए देखने को मिल रही है, क्योंकि मतदान काफी कम हुआ है। वहीं पिछले बार की तुलना में ये 5 % से भी कम रहा। उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को जहां वोटिंग हुई उसे लिटमस टेस्ट पेपर के तौर पर देखा जा रहा है, ये वही पश्चिमी उत्तर प्रदेश है जहां फतह करने के लिए आरएलडी को समाजवादी पार्टी से तोड़कर अपने पाले में करने के लिए भाजपा ने जयंत चौधरी को मिलाया। लेकिन इस बार सबसे ज्यादा प्रभाव जातिगत तौर पर मुस्लिम और जाट वोटरों का दिखाई पड़ा। वो एक तरफा समाजवादी पार्टी की ओर जाते हुए दिखाई दिए। वहीं बेरोजगारी का मुद्दा एक बड़ा प्रश्न बिना किसी शोर शराबे के भाजपा के प्रत्याशियों को परेशान करता हुआ दिखाई दिया। जिसका जवाब सिवाय हवा हवाई आंकड़ो के किसी भी प्रत्याशी के पास नहीं था।
यह भी पढ़ें: UP Board Result: 50 लाख से ज्यादा स्टूडेंट का रिजल्ट आज, हाई स्कूल और इंटर के लिए 2 बजे लगेगी लाइन
वहीं भाजपा ने जिस काम के लिए यानी पश्चीमी उत्तर प्रदेश के किसान, जाट, चौधरी और अन्य पिछड़े वोट पाने के लिए आरएलडी चीफ जयंत चौधरी को अपने पाले में किया था वो उसे उल्टा पड़ गया, क्योंकि ठीक चुनावों से पहले जयंत के यू टर्न लेने से उनके कोर वोटरों और नेताओं में नाराजगी देखने को मिली। इससे भाजपा को फायदा मिलने के बजाय नुकसान ज्यादा हो गया, साथ ही जयंत के आने से पश्चिमी यूपी में भाजपा के खुद के नेताओं में भी भारी नाराजगी थी। जो पिछले कई चुनावों से पार्टी से उम्मीद लगाए थे जयंत के आने से उन्हें झटका लगा, ये आंतरिक कलह और विरोध भी बड़ा गेम चेंजर दिखाई दे रहा है। वहीं अब दूसरे चरण के लिए भाजपा ने अपना नया प्लान तैयार करने की सोची है जिससे वो इसकी भरपाई आगे की सीटों से कर सके।
19 अप्रैल को यूपी की आठ लोकसभा सीटों पर कुल वोटिंग प्रतिशत
पीलीभीत : 63.39 %
मुरादाबाद : 60.05 %
रामपुर : 55.75 %
सहारनपुर : 66.65 %
कैराना : 61.17 %
मुजफ्फरनगर : 60.02 %
बिजनौर : 58.21 %
नगीना : 59.54 %
यह भी पढ़ें: इज़राइल ने ईरान को मिसाइल से दिया जवाब, राजधानी तेहरान और इस्फ़्हान में परमाणु प्रोजेक्ट के पास धमाका