राम नवमी पर अयोध्या भगवान राम के सूर्य अभिषेक की तैयारी, PM मोदी के आने की सूचना से सतर्कता बढ़ी
नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि सप्त ऋषि मंदिर की फाउंडेशन की खुदाई पूरी हो चुकी है। निर्माण में सबसे बड़ी चुनौती परकोटा यानी परिक्रमा निर्माण की है, परकोटा की लंबाई 750 मीटर है, श्रद्धालु लगभग 1 किलोमीटर की परिक्रमा करेंगे। 2024 के अंत तक परकोटा यानी परिक्रमा मार्ग को पूरा करना एक चुनौती है।

अयोध्या। उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण में अब सरकार की निर्माण एजेंसी निर्माण निगम भी शामिल हो गई है। जिसके बाद अब निर्माण के एलएनटी, टाटा के साथ यूपी राजकीय निर्माण निगम भी शामिल है। जिसके आने से अब राम मंदिर निर्माण में भी और रफ्तार पकड़ेगा। वहीं एक बार फिर से भगवान राम के दर्शन के लिए पीएम मोदी राम नवमी पर अयोध्या आ रहे हैं, जिसको लेकर सुरक्षा एजेंसियां तेजी से तैयारियों में जुट गई हैं।
निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा की ओर से इस बात की पुष्टि भी की गई है। जिसमें 2024 के अंत तक राम मंदिर का प्रथम द्वितीय तल तैयार होने की बात कही जा रही है। वहीं इसी प्रथम तल पर भगवान राम का दरबार भी होगा। इस निर्माण की क्वालिटी के हिसाब से 1000 वर्ष की अवधि से भी अधिक समय तक राम मंदिर ऐसे ही नया जैसा ही दिखेगा।
इसके अलावा 750 मीटर परिक्रमा मार्ग यानी परकोटा भी बनाया जा रहा है। रामनवमी पर भगवान के ललाट पर सूर्य अभिषेक की तैयारी में हर प्रकार की व्यवस्था की गई है। राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन निरूपेंद्र मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि हमारे निर्माण का मुख्य लक्ष्य 2024 के अंत तक पूरा कर लेना है, निर्माण पूरा करने के बाद ट्रस्ट को सौंप देंगे। कुबेर टीले का कार्य भी शुरू हो चुका है।
नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि सप्त ऋषि मंदिर की फाउंडेशन की खुदाई पूरी हो चुकी है। निर्माण में सबसे बड़ी चुनौती परकोटा यानी परिक्रमा निर्माण की है, परकोटा की लंबाई 750 मीटर है, श्रद्धालु लगभग 1 किलोमीटर की परिक्रमा करेंगे। 2024 के अंत तक परकोटा यानी परिक्रमा मार्ग को पूरा करना एक चुनौती है।
उन्होने कहा कि राम मंदिर निर्माण में गति धीमी हो या तेज हो, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। इसी के तहत कार्य चल रहा है। रामनवमी के दिन भगवान राम के माथे पर सूर्य किरण पड़े इसका प्रयास हो रहा है, इस पर वैज्ञानिक कार्य कर रहे हैं।
