
नई दिल्ली (भारत). आज 8 मार्च है और आज ही महिला दिवस मनाया जाता है। देश में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए बेहतर प्रयास किया है। भविष्य में भी महिलाओं के भविष्य के सुधारो की रफ्तार को भी गति प्रदान करने के लिए इंतजाम किए गए हैं। अभी और कुछ क्षेत्र हैं, जिनमें काफी सुधार लाने की जरूरत है।
आज विभिन्न क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी की ताकत बढ़ी
भारत की राजनीतिक, उद्योग, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, नौकरशाही और सेना जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। महिलाओं ने खुद को इन क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के लिए अपने आप को सुधारकर वहां तक पहुँचाया है। इन सभी क्षेत्रों का विश्लेषण करने पर यह सामने आया हुआ है कि देश ने अलग-अलग क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी का बेहतर समावेशन किया है। देश ने भी उनकी भागीदारी को आगे बढ़ाने के लिए बेहतर उपाय किये हैं। कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर अभी कुछ काम करने की जरूरत है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम भी समावेश को प्रेरित करना है। यह भारत के प्रयासों से जुड़ा हुआ है।
8 मार्च को महिला दिवस क्यों मनाया जाता है?
रूख की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस को लेकर 1917 में हड़ताल की थी। यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस एक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थीं। इस वजह से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई। बाद में 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दे दी।
भारत में महिला दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?
आज जानी-मानी कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू की जयंती है। उनकी जयंती को भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
महिला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने और अधिकारों की प्रगति का वार्षिक कार्यक्रम है। इसकी शुरुआत 20वीं सदी में अमेरिकी समाजवादी और श्रमिक आंदोलनों से हुई थी। उस समय महिलाएं काम के घंटे कम करने, बेहतर वेतन और वोट देने के अधिकार के लिए लड़ रही थी। 1911 में महिला दिवस का पहला उत्सव मनाया गया था।