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Yogi Adityanath ने फिर Activate कर दी हिन्दू युवा वाहिनी, हर बूथ पर योगी का दम

Yogi Adityanath ने साल 2002 में स्थापित हिंदू युवा वाहिनी (HYV) एक बार फिर से सक्रिय हो गई है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद, जो वाहिनी निष्क्रिय हो गई थी, वह फिर से एक्टिव मोड में आ गई है। गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ की जीत सुनिश्चित करने के लिए इसके सदस्यों ने पहले ही एक गहन अभियान शुरू कर दिया है।

UP Assembly Elections 2022 में खुद विधानसभा  जीतने के लिए एक्टिवेट हुई युवा वाहिनी

हिन्दू युवा वाहिनी के महासचिव पी. के. मॉल ने कहा कि वाहिनी के सदस्यों ने घर-घर बैठकें, डिजिटल बैठकें आयोजित करने और विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर पर अपने संगठन को मजबूत करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के गोरखपुर पहुंचने पर चुनाव रणनीति और प्रचार को लेकर पदाधिकारी उनके साथ बैठक करेंगे।

हिंदू युवा वाहिनी को Yogi Adityanath ने किया एक्टिवेट
वाहिनी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, एचवाईवी की राजनीतिक गतिविधियां लगभग पांच वर्षों से निष्क्रिय थीं, लेकिन शहर की सीट से योगी आदित्यनाथ की उम्मीदवारी की घोषणा के साथ संगठन फिर से सक्रिय हो गया है। संगठन सभी वार्डो में बैठक करेगा और मुख्यमंत्री के निर्देश पर अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी करेगा।

Yogi Adityanath के चुनाव अभियानों का रही है हिस्सा

हिंदू युवा वाहिनी ने 2004, 2009 और 2014 में योगी आदित्यनाथ के चुनाव अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में हिंदुत्व के संदेश का प्रचार भी किया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में वाहिनी नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सिद्धार्थ नगर की डुमरियागंज सीट से सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था।

Yogi Adityanath ने 2017 में मुख्यमंत्री बनते ही कर दिया था डीएक्टिवेट
मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद, पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में वाहिनी की इकाइयों को भाजपा नेतृत्व के अनुरोध पर इस डर से भंग कर दिया गया था कि यह एक समानांतर राजनीतिक संगठन के रूप में कार्य करेगा। इस कदम का विरोध करने वाले इसके पदाधिकारियों और सदस्यों को इससे निष्कासित कर दिया गया था। इसमें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह भी शामिल थे। विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर मतभेदों के कारण भाजपा के साथ उनके संबंधों में खटास आने के बाद योगी आदित्यनाथ ने 2002 में हिंदू युवा वाहिनी को खड़ा किया था। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार शिव प्रताप शुक्ला के खिलाफ हिंदू महासभा के टिकट पर डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को मैदान में उतारकर भाजपा नेतृत्व को चुनौती दी। अग्रवाल ने शुक्ला को हराया और आदित्यनाथ को पूर्वी उत्तर प्रदेश के निर्विवाद नेता के रूप में स्थापित किया।

हिंदुत्व एजेंडे का कर रही प्रचार

हिन्दू युवा वाहिनी स्वयं सेवकों को योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गोरखनाथ मठ द्वारा प्रचारित हिंदुत्व एजेंडे के प्रचार का कार्य भी सौंपा गया। 2002 में 300 सदस्यों से, 2017 में संगठन की ताकत बढ़कर 15 लाख हो गई। पिछले पांच वर्षों में वाहिनी ने सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया और इसने राजनीतिक गतिविधियों से अपने कदम पीछे कर लिए थे। इसकी सामाजिक गतिविधियों में राशन वितरण, कोविड और अन्य बीमारियों के बारे में जागरूकता पैदा करना, प्रवासी श्रमिकों की सहायता करना और विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में स्थानीय अधिकारियों की सहायता करना शामिल है।

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