Yogi Adityanath in Bengal: योगी आदित्यनाथ के लिए तैयार बीरभूम और आसनसोल लोकसभा, मुस्लिम गुंडई और अवैध खनन के खिलाफ मोर्चा
Fire Brand leader Yogi Adityanath from BJP has been consistent this time too as in the last several elections. Engaged in campaigning for the third and fourth phases. Today Yogi Adityanath will hold public meetings in Baharampur Lok Sabha, Birbhum Lok Sabha and Asansol Lok Sabha of West Bengal.
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में इस समय पीएम मोदी के साथ सीधी टक्कर में बड़ा ब्रांड नाम राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का ही है। लेकिन भाजपा की ओर से फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ की डिमांड पिछले कई चुनावों से इस बार भी लगातार बनी हुई है। तीसरे और चौथे चरण के प्रचार के लिए लगे हुए हैं। आज योगी आदित्यनाथ पश्चिम बंगाल के बहरामपुर लोकसभा, बीरभूम लोकसभा और आसनसोल लोकसभा में जनसभाएं करेंगे। वो अपने घर गोरखपुर से सीधे बंगाल के लिए उड़ान भरेंगे। बंगाल में सीधी टक्कर ममता बनर्जी के साथ होगी, वहीं कई लोकसभा क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां पर कांग्रेस कड़ा मुक़ाबला कर रही है।
CM Yogi in West Bengal
पश्चिम बंगाल में जब से ममता बनर्जी की सरकार आई है तब से यहाँ अराजकता और मुस्लिम आतंक काफी बढ़ा है, जिसको लेकर भाजपा अक्सर ही गोलबंदी करती रही है। वहीं बंगाल में अवैध खनन और गुंडई आम बात है, यही कारण है की एक सोची समझी रणनीति के तहत ही भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को यहाँ रैली के लिए भेजा है।
बीरभूमि लोकसभा में भारत की पुरानी संस्कृति, लेकिन राजनीति में सबसे अलग
पश्चीम बंगाल में वीरभूम जिला भारत का प्राचीन क्षेत्र है, जहां लड़ाका माने जाने वाले बीर राजाओं का राज्य था। बंगाल में ये एक बड़ा जिला है। यहाँ की क्षेत्रीय ज़मीन लाल रंग की है, यहाँ दर्जनों की संख्या में प्राचीन मंदिर और गुफाएँ आज भी मौजूद हैं। वीरभूम लोकसभा क्षेत्र में दुबराजपुर विधानसभा, सिउड़ी विधानसभा, सांइथिया विधानसभा, रामपुरहाट विधानसभा, हासन विधानसभा, नलहाटी विधानसभाऔर मुरारई विधानसभा आते हैं।
वीरभूम लोकसभा सीट 1952 से 1971 तक चार लोकसभा चुनाव कांग्रेस के कब्जे में
कई दशकों पहले तक यहाँ के लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व था लेकिन पिछले वर्षों में कांग्रेस को हटाकर इस सीट पर कम्युनिष्ट पार्टी ने कब्जा जमा लिया है। वीरभूम लोकसभा सीट 1952 से 1971 तक चार लोकसभा चुनाव कांग्रेस के कब्जे में रही। 1971 के चुनाव में माकपा ने इस पर कब्जा जमाया जो 2009 तक 10 लोकसभा चुनाव उसके पास ही रही।
कांकरतला के तृणमूल ब्लाक अध्यक्ष दीपक घोष की हत्या
वर्ष 2009 हुए लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक इस सीट पर टीएमसी यानि ममता बनर्जी का कब्जा है, वर्तमान में शताब्दी राय तृणमूल सांसद हैं। लेकिन बीते कुछ वर्षों से यहाँ खुद ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में आपसी कलह बहुत बढ़ी है जिसके चलते बमबाजी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। कांकरतला के तृणमूल ब्लाक अध्यक्ष दीपक घोष की हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा वर्ष 2014 में गोपालपुर गांव में तृणमूल और माकपा समर्थकों के बीच संघर्ष को रोकने गए दुबराजपुर थाने के सब इंस्पेक्टर अमित चक्रवर्ती की बम मारकर हत्या कर दी गई थी।