उत्तर प्रदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट : मासूम बच्चियों से दुष्कर्म की सजा उम्र कैद, कार्यवाही नहीं हुई तो लोगों का न्याय से भरोसा टूट जाएगा

मासूम बच्चों के दुष्कर्म पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, देश में छोटी बच्चियों की देवी स्वरूप पूजा की जाती है लेकिन दिन प्रतिदिन यह बच्चियों दुष्कर्मों का शिकार बनती ही जा रही हैं।

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश). इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया कि इस देश में छोटी बच्चियों की देवी स्वरूप पूजा की जाती है लेकिन दिन प्रतिदिन यह बच्चियों दुष्कर्मों का शिकार बनती ही जा रही हैं। 6 साल की बच्ची के साथ हो यह दुष्कर्म के खिलाफ अगर अपराधियों को छोड़ दिया गया और उन पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई तो लोगों का न्याय व्यवस्था पर से भरोसा टूट जाएगा।

बच्चियों के साथ दुष्कर्म की सजा हुई उम्र कैद

कोर्ट ने बताया है कि अगर किसी पीड़िता के साथ दुष्कर्म होता है और वह रिपोर्ट नहीं करती है और उसके परिवार वाले भी चुप रहकर इज्जत के लिए ,किसी भी प्रकार की रिपोर्ट नहीं करते हैं तो 12 साल से कम वाली बच्चियों के साथ किए गए दुष्कर्म में 20 साल की सजा को बढ़ाकर उम्र कैद कर दी गई है। विनीता बच्ची ने बयान दिया है कि उसको मारा-पीटा और पकड़ कर खेल में ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया। जब बच्ची की आवाज को सुनकर महिलाओं ने शोर मचाया तो आरोपी भाग गया। बच्ची के पिता ने एफआईआर दर्ज करा दी है।

कोर्ट ने कहा अपराधी का दुष्कर्म है हैवानियत

कोर्ट ने 6 वर्ष की बच्ची के साथ किए गए अपराध को हैवानियत बताते हुए अपराधी को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने छोटू उर्फ जुल्फिकार के जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।

अपराधी 8 मई 2023 से जेल में है बंद

बच्ची के साथ 7 मई 2023 के शाम के समय 6:00 बजे यह घटना हुई। बच्ची जब खेल रही थी तो अपराधी लोगों से पकड़ कर खेत में ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया। याचिका करता ने बताया कि पार्टी बंदी के कारण उसे झूठा फंसाया गया है। अपराधी को 8 में 2023 से जेल में बंद कर रखा गया है। उसके अपराध का कोई भी इतिहास अभी तक नहीं है।

 

 

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