वरुण गांधी के लिए खुले दो रास्ते, इंडिया गठबंधन चुनाव में उतारने के लिए तैयार
पिछले सप्ताह वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, तब से इस बात की जोरो पर चर्चा है। वरुण गांधी के लिए भाजपा ने अभी तक दरवाजे बंद नहीं किए हैं। उनके लिए सभी रास्ते खोले हुए हैं। अलबत्ता, भाजपा में एक परिवार एक टिकट का फार्मूला लागू होने के बाद से उन पर टिकट को लेकर मुश्किलें आ सकती हैं।

लखनऊ (उत्तर प्रदेश). पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी को इंडिया गठबंधन चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार है। वरुण गांधी किस दल की तरफ से लड़ेंगे, यह अभी सुनिश्चित नहीं हो पाया है। पिछले सप्ताह वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, तब से इस बात की जोरो पर चर्चा है। वरुण गांधी के लिए भाजपा ने अभी तक दरवाजे बंद नहीं किए हैं। उनके लिए सभी रास्ते खोले हुए हैं। अलबत्ता, भाजपा में एक परिवार एक टिकट का फार्मूला लागू होने के बाद से उन पर टिकट को लेकर मुश्किलें आ सकती हैं।
वर्तमान में वरुण गांधी पीलीभीत से संसद
पीलीभीत से मेनका गांधी का परिवार गढ़ माना जाता रहा है। मेनका गांधी 1989 में जनता दल के टिकट पर यहां से पहली बार सांसद बनाई गई थी। तब से लेकर अब तक 6 बार संसद के पद पर रह चुकी हैं। उन्होंने 2 बार निर्दलीय चुनाव भी जीता है। 2009 से लेकर 2019 में यह सीट उनके बेटे वरुण गांधी को छोड़ी है। वर्तमान में वरुण गांधी पीलीभीत से संसद के पद पर हैं।
वरुण गांधी ने अपनी सरकार पर कई बार उठाया सवाल
वरुण गांधी कई बार अपनी ही सरकार की नीतियों पर सार्वजनिक सवाल उठा चुके हैं। ऐसे में भाजपा से उन्हें टिकट न मिलने की बातचीत की चर्चाएं हैं। भाजपा से टिकट कटने की चर्चाओं को लेकर मेनका गांधी भी लगातार चर्चाओं में बनी हुई है। वरुण गांधी को उनका गठबंधन भी लड़ने के लिए तैयार है। यह भी हो सकता है कि वरुण गांधी के खिलाफ इंडिया गठबंधन का कोई भी प्रत्याशी न उतरे। या फिर किसी घटक दल से उम्मीदवार भी ना बन जाए इसके लिए टीएमसी कांग्रेस की प्रमुख बात भी कर चुकी हैं।
वरुण गांधी ने की नरेंद्र मोदी से मुलाकात
वरुण गांधी ने पिछले सप्ताह नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इसके बाद से भाजपा में उनका टिकट मिलने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। वरुण गांधी ने अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए यह बताया कि भाजपा के किसी भी नेता को उन्होंने अभी तक कुछ भी खिलाफत में नहीं बोला है। कुछ जरूरी मुद्दों पर उन्होंने जरूर आवाज उठाई है। सूत्रों के अनुसार भाजपा के अंदरूनी सर्वे के नतीजे भी वरुण और मेनका के लिए नकारात्मक नहीं बताई जा रही हैं। यही वजह है कि शीघ्र ही वरुण की मुलाकात दिल्ली में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से भी होने जा रही है। इन वरिष्ठ नेताओं को यूपी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी मिली हुई है।
वरुण गांधी की पहली पसंद भाजपा
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार वरुण गांधी की पहली पसंद भाजपा ही है, जिस पर टिकट लेकर चुनाव लड़ने की संभावना है। हाल ही में वरुण गांधी ने पीएम मोदी के एक्स पर कई पोस्ट को अपने अकाउंट से रीपोस्ट भी किया है। इससे उनकी इच्छा को समझा जा सकता है। यह विचार लगाए जा रहे हैं कि अगर एक परिवार एक टिकट के फार्मूले को भाजपा ने सख्ती से लागू कर दिया तो वरुण गांधी का पता साफ हो सकता है। इस स्थिति में वरुण गांधी को इंडिया गठबंधन से लड़ने में कोई भी दिक्कत नहीं होगी।