नई दिल्ली (भारत). 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना लगातार का छठवां वां बजट पेश करने जा रही हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड की भी बराबरी करने वाली हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने जुलाई 2019 से लेकर अब तक कल 5 बजट पेश कर चुकीं हैं। अब वह अपना बजट अगले सप्ताह के अंतिम या वोट आन-अकाउंट बजट पेश करेंगी।
इनके बजट को छोड़ देंगी पीछे
1 फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनके रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने वाली हैं, इनमें मनमोहन सिंह अरुण जेटली की चिदंबरम और यशवंत सिन्हा जैसे लोग शामिल हैं। सीतारमण की ओर से पेश किया जाने वाला बजट अप्रैल में के माह में सरकार को चुनाव के बाद कुछ निश्चित रकम खर्च करने का अधिकार देगा 4:00 पीएम देसाई ने वित्त मंत्री रहते हुए 1959 से 1964 के बीच पांच वार्षिक बजट और एक अंतिम बजट को पेश किया था।
सीतारमण के बजट में एक लेखानुदान होगा
चूंकि इस साल संसदीय चुनाव होने वाले हैं, सीतारमण के अंतरिम बजट में कोई बड़ा नीतिगत बदलाव होने की संभावना कम है। उद्योग जगत से जुड़े एक कार्यक्रम में पिछले महीने सीतारमण ने अंतरिम बजट में कोई ‘बड़ी घोषणा’ होने से इनकार करते हुए बताया था कि यह आम चुनाव से पहले सिर्फ एक लेखानुदान होगा।
सीतारमण के बजट में कोई नहीं होंगे बदलाव
इस साल संसदीय चुनाव होने वाले हैं इसलिए सीतारमण के अंतिम बजट में कोई भी बड़े नीतिगत बदलाव होने वाले नहीं हैं। उन्होंने बताया था आम चुनाव से पहले सिर्फ एक लेखानुदान ही शामिल होगा। सीतारमन ने भारत के गरीबों के लिए नीतिगत उपायों की संख्या को बनाए रखा और डटकर सामना किया। भारत 2027-28 तक 5000 अरब डॉलर और 2047 तक 30000 डॉलर तक की अर्थव्यवस्था को बना देगा।
सीतारमण छठवीं बार पेश कर रही अपना बजट
पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सबसे अधिक 10 बार बजट पेश किए थे। उन्होंने अंतरिम बजट को मिलाकर लगातार 6 बार बजट पेश किए थे। स्वतंत्र भारत के पहले बजट को पहले वित्त मंत्री आर के शणमुखम चेट्टी के द्वारा पेश हुआ था। सीतारमण छठवीं बार पेश कर रही अपना बजट ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बढ़ावा देने के लिए कार्य कर सकती हैं। इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि 4% से घटकर 1.8 प्रतिशत होने का पूर्वानुमान है।