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वास्तु शास्त्र : घर की छत के लिए वास्तु नियम, ऐसे कराएँ छत का निर्माण

धर्म : यदि आप अपना मकान नया बनवाने जा रहे हैं, तो उसकी छत के लिए कुछ बातें हैं, जो ध्यान में रखकर करना लाभदायक सिद्ध होगा। छत का निर्माण दक्षिण में करना चाहिए या फिर दक्षिण-पश्चिम में करना लाभदायक सिद्ध होता है।

घर की छत के लिए वास्तु नियम

वास्तु शास्त्र के नियमानुसार, आपका घर पांच तत्व से मिलकर बनाया जाता है, जिसके कारण सुख समृद्धि और सौभाग्य का कारण प्राप्त होता है। अगर आप इन नियमों की अनदेखी करते हैं, तो उस मकान या स्थान से जुड़े वास्तु दोष का दुष्प्रभाव झेलना पड़ जाता है। अक्सर लोग जगह की अनदेखी कर देते हैं। ऐसी चीज वहां पर लाकर रख देते हैं, जिनकी जरूरत नहीं होती है। इसी की वजह से परेशानियां आ जाती हैं। चलिए जानते हैं आपको छत के निर्माण के लिए किस तरह की बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. घर की छत के ऊपर किसी भी प्रकार की गंदगी ना फैलाएं। बांस या लोहे के जंग लगी हुई समान या टूटी कुर्सियां और फालतू सामान कभी ना रखें। घर के ऊपर अनुपयोगी वस्तुएं कभी ना रखें। क्योंकि नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं, इससे घर के लोगों के विचार नकारात्मक होते हैं और आपस में तनाव पैदा हो जाता है।

2. यदि आपका मकान एक मंजिल का बना हुआ है, और छत पर भी कुछ निर्माण करवा रहे हैं, तो आपको ध्यान रखना चाहिए कि निर्माण दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में करवाना लाभदायक होता है। छत के लिए खुली जगह हमेशा उत्तर-पूर्व उत्तर या पूर्व की ओर रखनी चाहिए। छत दक्षिण और पश्चिम में नहीं बनना चाहिए।

3. घरों की छत पर पानी का टैंक दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगाना चाहिए। टैंक की दिशा में रखी हुई दीवार कुछ ऊंची अवश्य होनी चाहिए। इससे आमदनी बढ़ती है। परिवार में संबंध मजबूत हो जाते हैं।

4. छत के पानी का ढलान हमेशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की तरफ रखना चाहिए। इसके विपरीत होने से वास्तुदोस से परेशानियां पैदा हो जाती हैं।

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