

पटना (बिहार). जदयू अपना कर विपक्षी हिंदी गठबंधन को सबसे बड़ा झटका देने के बाद अब भाजपा के सामने सीटों के बंटवारे की मुख्य चुनौती आने वाली है। जादू के साथ आने वाले मुकेश साहनी की विकासशीलता इंसान पार्टी के भी राजग में शामिल होने के बाद से अब राज्य में राज्य के साथ हो जाएंगे। इस तरह की बनी स्थिति में अब सबसे ज्यादा घाटा जदयू को उठाना पड़ सकता है। मिशन क्लीन स्वीप को असली जामा पहनाने के लिए भाजपा को भी अपने सहयोगियों के लिए बड़ा दिल बनाना होगा।
पार्टी में जदयू को लाने के बाद नया फार्मूला
भाजपा की रणनीति राजा की अगुवाई वाले महागठबंधन को यादव मुस्लिम मतदाता वर्ग तक ही सीमित कर देने की है। साथ छोड़ने के बाद पार्टी ने उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और लोजपा के दूसरे धड़े के नेता चिराग पासवान को साध लिया था। वीआईपी के मुकेश साहनी से बातचीत का दौर अंतिम रूप में था। भाजपा ने खुद 28 सीटों पर लड़ने और सहयोगियों के लिए 12 सीटें होने का फार्मूला बनाया था। पार्टी में जदयू को लाने के बाद नया फार्मूला बनाना होगा।
चिराग पासवान पर राजग की नजर
VIP अगर राजग में आ जाती है तो उसे दो सीटें देनी पड़ेगी। भाजपा पहले ही कुशवाहा को दो सीटें और मांझी को एक सीट देने का वादा तय कर चुकी है। लोजपा के दोनों अच्छा अलग-अलग चीते मांग कर रहे हैं। चिराग पासवान पर राजग की नज़रें लगी हुई है। चिराग का अगर दबाव बढ़ता है तो इसमें संख्या और काम हो सकती है।
