यूपी : कांग्रेस को लोकसभा सीटों पर कोई समझौता नहीं, पार्टी कार्यकर्ता बोले- अभी कोई बात नहीं फाइनल
पार्टी नेता एक स्वर में यह बोले कि गठबंधन सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसलिए सीटों के बंटवारे पर अभी कोई बातचीत फाइनल नहीं हुई है।


लखनऊ (उत्तर प्रदेश). आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए यूपी के अंदर कांग्रेस को 20 लोकसभा सीटों पर कोई समझौता नहीं करेगी। पार्टी नेता एक स्वर में यह बोले कि गठबंधन सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसलिए सीटों के बंटवारे पर अभी कोई बातचीत फाइनल नहीं हुई है।
कांग्रेस को दी जा रही 11 सींटे
सपा पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश कुमार यादव ने शनिवार के दिन एक्स पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी कि कांग्रेस को 11 सींटे दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जीत के साथ यही समीकरण का मामला आगे भी जारी किया जाता रहेगा। कांग्रेस की ओर से राज्य कमेटी से लेकर केंद्रीय नेतृत्व और हाई कमान ने निर्देशित कर दिया कि कोई भी कांग्रेस का नेता इस बारे में सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं देगा। उन्होंने यह तय कर लिया कि अखिलेश के ट्विटर पर क्या हमको बोलना है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से लेकर महासचिव व उप प्रभारी अविनाश पांडे ने एक ही बयान जारी किया।
यूपी में 20 से 25 सीटों पर तो हमारा बनता : कांग्रेस
पार्टी सूत्र अनुसार यह जानकारी है कि कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के अंतर्गत 25 सीटें मांगी है, यह नेतृत्व तय किया जा चुका है। 20 से कम सीटों पर कोई भी समझौता नहीं स्वीकार किया जाएगा। साल 2014 के अनुसार, लोकसभा चुनाव में रायबरेली और अमेठी की सीटें जीती थी, जबकि कुशीनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद और कानपुर में दूसरे नंबर पर जीती थी। साल 2019 में रायबरेली की सीट जीती थी, जबकि अमेठी, कानपुर और फतेहपुर सीकरी में दूसरे नंबर पर जीत मिली थी। 2019 के चुनाव में 21 सीटें मुझे दी गई थी,इसलिए यूपी में 20 से 25 सीटों पर तो हमारा बनता ही है। पिछले हुए नगर निकाय चुनाव में भी कांग्रेस ने कई मुस्लिम बहुत सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया था।
मनोवैज्ञानिक संदेश देना भी जरूरी
कांग्रेस के रणनीतिकारों का यह मानना है कि सपा और कांग्रेस की दोस्ती गठबंधन के अंतर्गत मुस्लिम मतों को अलग करने से रोकेगी, इसलिए यह दोनों के लिए फायदेमंद ही होगा। सपा को मुस्लिम मतदाता को अपने साथ मजबूती से जुड़े रखने के लिए मनोवैज्ञानिक संदेश देना भी जरूरी है। राष्ट्रीय स्तर पर मुख्य विपक्षी गठबंधन में शामिल होने के कारण व केंद्र की सत्ता के लिए उन्हें चुनाव में भी एक अच्छा विकल्प है इसलिए कांग्रेस का भी कम महत्व नहीं हो सकता है। इंडिया गठबंधन की एक कमेटी में सपा नेता शामिल हुए और उन्होंने कहा 2017 में सीटों की संख्या या उनके नाम की औपचारिक घोषणा नहीं की गई थी। सहमति के आधार पर प्रत्याशियों को सीधे रूप से पार्टी चिन्ह थमा दिए गए थे।
