यूपी कैबिनेट का फैसला : पर्यटन विभाग को मिलेगी पट्टे पर भूमि, कहा- निवेश से बढ़ेगा प्रदेश
पर्यटन विभाग को प्रोत्साहित करने के भूमि लीज नीति 2024 को मंजूरी दे दी है। इसमें पर्यटन विभाग को निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार की लैंड बैंक से भू भाग को बिना किसी परेशानी और दिक्कत के पट्टे पर देने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
लखनऊ (उत्तर प्रदेश). सोमवार के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है। पर्यटन विभाग को प्रोत्साहित करने के भूमि लीज नीति 2024 को मंजूरी दे दी है। इसमें पर्यटन विभाग को निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार की लैंड बैंक से भू भाग को बिना किसी परेशानी और दिक्कत के पट्टे पर देने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
पट्टे के माध्यम से भूमि आवंटन
प्रस्ताव के में भूमि को शासन के अन्य भू-आवंटन नीतियों के अनुसार 30-30 वर्ष के तीन चरणों में अधिकतम 90 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे के माध्यम से आवंटन किया जाएगा। जो नीति प्रस्तावित की गई है उसके अनुसार सरल तरीके से आवंटन की प्रक्रिया जिनके पास परिपक्व प्रस्ताव तैयार हैं उनके लिए शुरू की जाएगी। इसके अंतर्गत पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उद्यमियों को उधम स्थापित करने के लिए सफलता मिलेगी। स्थानीय स्तर पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से रोजगार पैदा होंगे।
पर्यटन नीति 2022 का उद्देश्य
प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने यह बताया कि पर्यटन नीति 2022 का उद्देश्य वृद्धि एवं पर्यटक सुविधाएं विकसित किए जाने के लिए राज्य में पर्यटन उद्योग को देश के सबसे पसंदीदा निवेश डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है। पर्यटन विभाग ने संबंधित आधारभूत ढांचे के निर्माण करने के लिए, सरकार द्वारा सीधे या सार्वजनिक निजी सहभागिता के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए मजबूत भूमि बैंक बना दिया गया है।
कैबिनेट ने यह प्रस्ताव पारित किया
कैबिनेट ने यह प्रस्ताव पारित किया कि जल शक्ति मंत्रालय के जितने भी प्रदेश के विभिन्न स्थल जैसे कि निरीक्षण भवन, डाक बंगले आदि हैं उन स्थलों को पर्यटन विभाग को दे दिया जाएगा। इसके अंतर्गत कर निष्प्रयोजन सोनभद्र स्थित विसुन्दरी निरीक्षण भवन, कर्मा निरीक्षण भवन, निशोगी निरीक्षण भवन और लखीमपुर खीरी के ग्राम पान्योरा की तेल नहर कोठी को पर्यटन विभाग को सौपा जाएगा।
स्थानीय किसानों के आमदनी में बढ़ोतरी
जलशक्ति मंत्रालय के अधीन में पड़े ज्यादातर भवन- नदियों, झीलों, बांधों, नहरे और बैराजों के किनारे स्थित हैं, जहां पर प्राकृतिक सुंदरता बहुत ही अतुलनीय बनाई गई है। कहीं भवन ऐसे ऐतिहासिक और धरोहर की श्रेणी में आने के पात्र हैं, जिनका इस्तेमाल वर्तमान में पिकनिक स्थलों के लिए किया जा रहा है। इनका इको पर्यटन के रूप में भी बहुत महत्व है। इन दोनों को पैटर्न विभाग को सौंपने के लिए मध्य प्रदेश, तेलंगाना और उत्तराखंड, केरल के पर्यटन नीतियों का विस्तृत अध्ययन किया गया है। इन भावनाओं को पर्यटन विभाग को सौंप कर उद्यमियों के माध्यम से संचालित करने की व्यवस्था को शुरू किया जाएगा। इससे पर्यटक आकर्षित बन जाएंगे और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। स्थानीय किसानों के आमदनी में बढ़ोतरी भी हो जाएगी।