उत्तर प्रदेश

प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ CBI ने मामला किया बंद

लखनऊ (उत्तर प्रदेश). प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ CBI ने मामला बंद कर दिया। वे कुछ महीने पहले ही BJP गठबंधन में शामिल हुए थे। प्रफुल्ल पटेल वॉशिंग मशीन में गए और साफ होकर निकले। ये महज एक नाम नहीं है बल्कि ऐसे 21 नाम हैं। BJP ने प्रफुल्ल पटेल पर आरोप लगाए थे कि एयर इंडिया को लीज पर हवाई जहाज लेने की कोई जरुरत नहीं थी। लेकिन फिर भी हवाई जहाज लिए गए, जिससे 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ। आरोप लगाया गया कि पैसा हमें मिला।

CAG विनोद रॉय ने अनाप-शनाप टिप्पणियां की

उस वक्त के CAG विनोद रॉय ने अनाप-शनाप टिप्पणियां की, लेकिन अगर आरोप झूठे थे तो नरेंद्र मोदी को इस देश से माफी मांगनी चाहिए। पूर्व डीजीपी बृजलाल ने माफिया मुख्तार अंसारी की मृत्यु पर कहा आज गरीब और सताए हुए लोग बहुत ख़ुश होंगे। क्योंकि प्रदेश में बड़े माफिया का अंत हुआ है। माफिया और B-class(कभी न सुधारने वाला)हिस्ट्रीशीटर का राजनीतिक सफ़र दलित श्री विश्वनाथ राम मुनीब जी की हत्या से शुरू हुई थी।

मुख़्तार का भाई कम्युनिस्ट पार्टी से विधायक

1993 यूपी विधानसभा आम चुनाव में मुलायम सिंह यादव जी और मान्यवर काँसी राम जी ने राजनैतिक समझौता किया। नारा लगा-“मिले मुलायम काँसी राम, हवा में उड़ गये जयश्रीराम”। मुख़्तार अंसारी ख़ुद बीएसपी से टिकट चाहता था,क्योंकि दलित, पिछड़ा मुस्लिम वोट से जीत पक्की मानी जाती थी । मुख़्तार का भाई कम्युनिस्ट पार्टी से विधायक बन चुका था। उसने उस समय के क़द्दावर बीएसपी, वामसेफ, डीएस-4 नेताओं से पैरवी करायी जिसमें उसके रिश्तेदार ग़ाज़ीपुर के डॉ सिद्दीक़ी शामिल थे जो मान्यवर काँसी राम के मित्र थे और मान्यवर ग़ाज़ीपुर में उन्हीं के यहाँ रुकते थे।मुख़्तार के आपराधिक गतिविधियों से मान्यवर अवगत थे, उन्होंने उसे टिकट न देकर ग़ाज़ीपुर सामान्य सीट से अपने ख़ास सहयोगी विश्वनाथ राम मुनीब को टिकट दिया। मुख़्तार ने चुनाव काउंटरमाँड करने की योजना बना डाली और वोटिंग के 9 घंटे पहले विश्वनाथ राम मुनीब की गोली मारकर हत्या करवा दी ।

बीएसपी का टिकट कैलाश नाथ यादव को मिला

वर्ष 1994 में उपचुनाव हुवा। बीएसपी का टिकट कैलाश नाथ यादव को मिला। वे रोते हुए कांसी राम जी के पास आये और टिकट लौटा दिया और कहा कि मुख़्तरवा उन्हें भी मार देगा। मान्यवर ने पार्टी के सेक्रेटरी जनरल राजबहादुर जी को टिकट दिया और वे जीत भी गए और समाजकल्याण मंत्री भी बने। 2 जून 1995 को मुलायम सिंह यादव ने यूपी का चर्चित “गेस्ट हाउस कांड” करवा दिया, जिसमें सुश्री मायावती जी की हत्या की साज़िश रची गई। बीजेपी ने उनकी जान बचायी और सपोर्ट देकर मायावती जी को पहली बार मुख्यमंत्री बनवाया। “पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक” “PDA”का प्रयोग टूट गया, जिसका अखिलेश यादव असफल प्रयोग कर रहे हैं, जो कभी सफल नहीं होगा।

Back to top button